ट्यूलिप गार्डन
Tulip garden
सी.एस.आई.आर.–आई.एच.बी.टी. पालमपुर द्वारा फ्लोरीकल्चर मिशन के अंतर्गत विकसित किए गए ट्यूलिप गार्डन को दिनांक 02-02-2024 को जनमानस के लिए संस्थान के निदेशक, डॉ सुदेश कुमार यादव द्वारा खोल दिया गया ।
ट्यूलिप एक कंदीय कर्तित फूल है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय व घरेलू बाज़ार में काफी माँग है। दुनिया में कर्तित फूलों के व्यापार में यह तीसरे स्थान पर है। मिशन के अंतर्गत इसकी खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए संस्थान दो वर्षों से इन सुंदर फूलों को अपने परिसर मे लगा रहा है। इस बार उद्यान में 6 विभिन्न रंगों की प्रजातियों के 50,000 बल्ब्स लगाए गए हैं ।इस उद्यान में, राज्य के भीतर और बाहर से, बड़ी संख्या में आगंतुकों के आने का अनुमान है । पिछले वर्ष, देश के विभिन्न क्षेत्रों से 70,000 से अधिक पर्यटक इस सुंदर ट्यूलिप गार्डन को देखने आए थे। इस वर्ष गार्डन खोले जाने के प्रथम दिन ही केंद्रीय विद्यालय, भानला (हि प्र ) के लगभग 200 विद्यार्थियों व अध्यापकों ने जिज्ञासा प्रोग्राम के अंतर्गत इसका भ्रमण किया।
सीएसआईआर-आईएचबीटी ने ट्यूलिप की व्यावसायिक खेती के लिए हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में इसके फूल और बल्ब उत्पादन पर प्रायोगिक परीक्षण शुरू किया था। शुरुआत करने के लिए सहकारी समितियों के कई किसानो को शामिल किया गया l इनमें महादेव फ्लोरीकल्चर सोसाइटी, मदाग्रां; पट्टन वैली फ्लोरीकल्चर सोसाइटी लिमिटेड; शांशा और टीनन व्हाइट माउंटेन फ्लोरीकल्चर सोसाइटी लिमिटेड, जाँगला को ट्यूलिप की खेती करने के लिए प्रशिक्षित और सशक्त बनाया गया, जो अब बल्ब और फूलों के उत्पादन के लिए ट्यूलिप की खेती कर रहे हैं।
इन फूलों की खेती से जुड़े उद्यमियों और किसानों के लिए आकर्षक आय सृजन एवं देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह एक सशक्त प्रयास है और अगले 7-8 वर्षों में देश की वार्षिक घरेलू मांग को पूरा करने के लिए ट्यूलिप बल्ब-उत्पादन करने का संस्थान का ध्धेय है।
Developed under the CSIR-Floriculture Mission, the mesmerizing Tulip garden at CSIR-IHBT has been opened for public on 02-02-2024 by Dr. Sudesh Kumar Yadav, Director, CSIR-IHBT, Palampur.
Tulip is a tuberous cut flower that has huge International and domestic demand. It ranks third in the world's top cut flower trade. Under the mission, the institute has been planting these beautiful flowers in its premises for the last two years. This year 50,000 tulip bulbs of 6 varieties of various vibrant colors have been planted in the garden. The garden, after its opening, is expected to attract a large number of visitors from within and outside the state thereby promoting scientific tourism. Last year, over 70,000 visitors from across the country visited this exquisite tulip garden. This time, far more number of visitors are anticipated. On the opening day itself, under the Jigyasa programme more than 200 students and 12 teachers from Kendriya Vidyalaya, Bhanala (HP) visited the garden. It is pertinent to mention that this garden is the first tulip garden of the state.
CSIR-IHBT started experimental trials on flower and bulb production of tulip in the Lahaul valley of Himachal Pradesh for its commercial cultivation. To begin with, several farmers from cooperative societies such as Yaani Mahadev Floriculture Society, Madagran; Pattan Valley Floriculture Society Limited, Shansha; and Tinan White Mountain Floriculture Society Limited, Jangla, were trained and empowered to cultivate tulips. They are now engaged in tulip cultivation for bulb and flower production, and are reaping benefits.
The Institute is making a significant endeavour to offer new opportunities for attractive income generation to entrepreneurs and farmers engaged in the cultivation of these flowers and to make India self-reliant in tulip bulb production to meet the domestic demand of the country. The institute aims to produce tulip bulbs to meet the annual domestic demand of the country for the next 7-8 years and make India self-reliant in this aspect.