संस्थान पिक्रोराइजा कुरुआ, आर्टिमीजिया, टेजेटिज (जंगली गेंदा) जैसे कई औषधीय और सगंध पौधों, गुलाब, आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण फसलों बांस, स्टीविया, कारनेशन, लिलियम, ग्लेडियोलस, जरबेरा जैसे पुष्प फसल की कृषि प्रौद्योगिकी पर कार्य कर रहा है। संस्थान अच्छी गुणवत्ता रोपण सामग्री (मूल्य सूची) उपलब्ध करवाती है साथ ही व्यावसायिक खेती के लिए परामर्श और सलाहकार सेवाओं प्रदान की जाती है।
स्टीविया
स्टीविया सुक्रोज से 300 गुणा अधिक मीठा होता है और यह मिठास मुख्य रूप से पानी में घुलनशील सफेद यौगिकों स्टीवियोसाइड और रिबॉडियोसाइड के कारण है। यह स्वीटनर मधुमेह, मोटापे से पीड़ित या भोजन में चीनी के पूरक से अपना वजन कम करने के लिए इच्छुक व्यक्तियों के लिए आदर्श है। संस्थान ने कृषि जलवायु परिस्थितियों के अन्तर्गत इस फसल के उत्पादन व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए स्टीविया की दो किस्मों को विकसित किया है। पौधशाला विकास, खेती पद्धति और प्रसंस्करण सहित उत्पादन तकनीक का एक पूरा पैकेज विकसित किया गया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तरांचल और उत्तर प्रदेश के किसानों को पौध रोपण सामग्री प्रदान की गई है। इस पौध की बहुत मांग है और इससे बेहतर आय प्राप्त होती है।
नई उन्नत किस्म: संकरण और चयन प्रक्रिया माध्यम से संस्थान ने स्टीविया की एक नवीन किस्म विकसित की है। half-sib family चयन के माध्यम से जर्मप्लाज्म कोर संग्रह उन्नत प्रजनन से विकसित कर इस किस्म को स्टीवियोसाइड की तुलना में रिबॉडियोसाइड-। मात्रा के उच्च अनुपात के लिए चयनित किया गया था। टिशू कल्चर प्रोटोकॉल बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए मानकीकृत किया गया है और इसकी तकनीक को उद्योगों को हस्तांतरित किया जा सकता है।
पर्यावरण के अनुकूल प्रसंस्करण: स्टीविया रेबॉडियाना से अत्याधिक शुद्ध स्टीवियोसाइड प्राप्त करने के लिए एक जल आधारित निष्कर्षण प्रक्रिया को मानकीकृत किया गया है। यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त कृत्रिम रासायनिक मिठास के विकल्प के रूप में एक फॉर्म्यूलैशन विकसित किया गया है।
सुगंधित गुलाब

सुगंधित गुलाब, रोजा डेमेसिना उच्च मूल्यवान सगंध तेल के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं । यह तेल इत्र और सौंदर्य प्रसाधनों में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। संस्थान ने दमस्क गुलाब की दो किस्में विकसित की है। ‘ज्वाला’ मैदानी क्षेत्रों और ‘हिमरोज़’ पहाड़ी क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है। संस्थान ने इसकी खेती का संपूर्ण पैकेज विकसित किया है और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी भी उपलब्ध है। उच्च गुणवत्ता रोपण सामग्री को उचित दरों पर संस्थान से प्राप्त किया जा सकता है।
उद्यमियों, किसानों और गैर सरकारी संगठनों एवं इच्छुक व्यक्तियों के लिए संस्थान द्वारा इसकी खेती और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी पर नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
जंगली गेंदा (टेजेटिज् माइन्यूटा)

जंगली गेंदे के सगंध तेल का उच्च गुणवत्तायुक्त इत्र, स्वाद और खाद्य उद्योग निर्माण में उपयोग किया जाता है। संस्थान बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है। अचक्रीय (acyclic) मोनोटरपिनस कीटोन और एक हाइड्रोकार्बन की उपस्थिति इसे मूल्यवर्धित सुगंध रसायनों के संश्लेषण के लिए आधार सामग्री का एक अच्छा स्रोत बनाती है। संस्थान ने एक घटक उन्मुख उत्पादन तकनीकी पैकेज को विकसित किया है जिसमें समशीतोष्ण से उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु की विभिन्न परिस्थितियों के अन्तर्गत जंगली गेंदे के सगंध तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए चार पैकेज उपलब्ध हैं।
वेलेरियाना जटामांसी

संस्थान ने वेलेरियाना जटामांसी की एक नई किस्म 'हिमबाला' की कृषि प्रौद्योगिकी पैकेज को विकसित किया है। यह पौधा अपनी अत्यधिक दर्द शामक और ट्रैंक्विलाइज़र विशेषता के कारण मूल्यवान है। जड़ों में उपलब्ध Valpotriates में टयूमर रोधी गतिविधि है। रोपण सामग्री एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उपलब्ध है।
करकुमा एरोमेटिका

स्थान ने करकुमा एरोमेटिका की एक नए किस्म 'हिमहल्दी' की कृषि प्रौद्योगिकी पैकेज को विकसित किया है। साँप के काटने के इलाज के लिए इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग अपच, पेचिश आदि के इलाज के लिए भी किया जाता है। रोपण सामग्री एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उपलब्ध है।
हिडिचियम स्पाइकेटम
संस्थान ने कपूर कचरी ( हिडिचियम स्पाइकेटम) की एक नए किस्म हिमकचरी और इसके कृषि पद्धति पैकेज को विकसित किया है। कंद वातहर और expectorant गुण है। रोपण सामग्री एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उपलब्ध है।
चाय - हिम स्फूर्ति

संस्थान ने चाइना संकर चाय कैमेलिया सिनेसिस के (सीएसआईआर-IHBT-T-01; कांगड़ा चयन CEF-02) चयन पद्धति के माध्यम से हिम स्फर्ति नामक प्रजाति को विकसित किया है। इस किस्म ने जड़ों के निकलने तथा जल्दी तैयार होने में उत्कृष्ट नर्सरी प्रदर्शन किया है। इसकी वृद्धि जोरदार है और व्यापक अनुकूलनशीलता है।
सगंध एवं औषधीय पौध सूची
आभूषक

संस्थान ने हिमाचल प्रदेश में कई उच्च गुणवता फूलों को लगाने की शुरुआत/ पहल की है। किसानों और उद्यमियों को लगातार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। लिलि, ग्लोडियोलस(विकसित एवं 8 किस्मों में पेटेंट प्राप्त ) बर्ड आफ पेराडाइज , रजनीगंधा, एल्स्ट्रोमेरिया, कारनेशन और गुलदाउदी की कृषि प्रौद्योगिी एवं रोपण सामग्री उपलब्ध है।
- नवीन आभूषक गुलाब : संस्थान ने प्राकृतिक चयन से नवीन कांटारहित गुलाब को विकसित किया है। साथ ही एक नए अनूठी किस्म को भी विमोचित किया है।
- नवीन जरबेरा किस्म : अनूठे रंग और पंखुडि़यों /पत्तियों युक्त जरबेरा की दो नई किस्मों को विकसित किया गया।
- एलस्ट्रोमेरिया : संस्थान ने इस फसल को हिमाचल प्रदेश में पहली बार शुरुआत की।
- लिलियम : हिमाचल प्रदेश में यह सबसे सफल फसल है तथा इसकी रोपण सामग्री उपलब्ध है। साथ ही इसकी टिशु कल्चर विधि को भी मानकित कर लिया गया है।
खाद्य और न्यूट्रास्यूटिकल्स
केटेकिन
चाय की कम गुणवतायुक्त पत्तियों एवं परिपक्व भाग से केटेकिन तैयार करने की पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया को विकसित कर लिया गया है पहले यह व्यर्थ ही रह जाते थे। केटेकिन एक एन्टीऑक्सीडेंट उच्च गुणवत्तायुक्त फार्मास्यूटिकल उत्पाद है।
चाय एवं सांद्र

संस्थान ने काली व हरी चाय से 6 माह तक उपयोग में लाए जाने वाले चाय सांद्र को विकसित किया है। इसे चीनी / मिठास, शुद्ध पानी और कार्बोनेशन के साथ मिलाकर पीने के लिए एकदम तैयार चाय पेय(RTDs) में परिवर्तित किया। इन पेयों में बाजार की मांग के अनुसार अन्य फ्लेवर को मिलाया जा सकता है। यह सांद्र चाय पॉलिफिनॉल युक्त होते है जो कि कैंसर, कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप से रक्षा करते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को सुधारते हैं।
टी वाइन

टी वाइन को सेकेन्डरी ग्रेड चाय से बनाया गया है। इसमें प्रतिऑक्सीकारक गुणों बने रहे तथा पिछले तीन वर्षों की अवधि में ऑरगेनोलेप्टिक का मूल्यांकन किया। यह उत्पाद हानिकारक रोगाणुओं और कीटनाशकों से मुक्त है।
स्टीविया
पर्यानुकूल प्रसंस्करण: स्टीविया रेबोडियाना से शुद्ध स्टीवियोसाइड निकालने के लिए पानी आधारित एक प्रक्रम प्रक्रिया को विकसित किया गया है। यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त एक स्वीटनर को विकसित किया गया हे जो कि कृत्रिम मिठास का एक विकल्प है।
परोसने के लिए तैयार (रेडी टू ईट) कांगड़ी धाम
संस्थान ने परोसने के लिए( रेडी टू ईट) तैयार कांगड़ी धाम (समाजिक समारोहों के दौरान परोसा जाने वाला प्रीतिभोज) को तैयार करने की एक नवीन प्रक्रिया को विकसित किया है। इन तैयार व्यंजनों में किसी भी प्रकार का प्रिजरवेटिव नहीं डाला जाता है और यह खाना 6 माह तक उपयोग में लाया जा सकता है। यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए उपलब्ध है।
न्यूट्रिबार
बक्कबीट से स्वादिष्ट न्यूट्रिबार बनाने की विधि को विकसित कर लिया गया है। ग्लुटिन मुक्त होने के कारण सीलिएक रोग युक्त व्यक्ति भी इस उत्पाद का बिना किसी समस्या के उपभोग कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए उपलब्ध है।
फाइबर युक्त आहार

संस्थान ने सेब के भुक्तशेष (खली) से एक फाइबरयुक्त आहार तैयार करने की विधि को विकसित किया है जो कि सेब जूस उद्योगों द्वारा व्यर्थ ही रह जाता है। इस फाइबर को बेक करने की उपयुक्तता के लिए परीक्षित किया गया।
प्राकृतिक रंग
संस्थान ने व्यापक रूप से उपलब्ध प्राकृतिक स्रोतों से क्रिस्टलीय फार्म में पर्यानुकूलन प्राक़ृतिक रंगों के उत्पादन के लिए विधि को विकसित किया है।
बांस के उत्पाद
बांस की चयनित किस्में पोषकता से भरपूर होती हैं। संस्थान ने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग के साथ मिलकर बांस के विभिन्न उत्पादों को विकसित किया है। ग्रामीण महिलाओं को नियमित रूप से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
जैव प्रौद्योगिकी उत्पाद
A Novel Autoclave Enzyme - SUPEROXIDE DISMUTASE (SOD)
संस्थान ने बायोरिएक्टर में अत्याधिक थर्मोस्टेबल इन्जाइम के व्यापक पैमाने में उत्पादन के एक विधि को विकसित किया है। यह एन्जाइम आटोक्लेविंग के दौरान भी अपनी गतिविधि जारी रखता है तथा 0 से -55 डिग्री सें.ग्रे. तापमान पर भी सक्रिय रहता है। फार्मास्यूटिक, खाद्य एवं सौंदर्य प्रसाधन उद्योगों में इस एन्जाइम की व्यापक उपयोगिता है।
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उपयोग
- पादप उद्योग: जैव एव अजैव दबाव को सहन करने वाले ट्रांसजेनिक पौधों को तैयार करने में
- खाद्य उद्योग: पकाई गई/ पेकेजिंग वाली सब्जियों, चिकन, मांस व अन्य जैसी प्रोसेस और बिना प्रोसेस वाले खाद्य उत्पादों को अधिक समय तक तरोताजा रखने के लिए
- सौंदर्य प्रसाधन : क्रीम, शेम्पू, लोशन आदि में प्रयुक्त करने के लिए
- फार्मास्यूटिकल उद्योगों में: अंगो के कालावधि बढ़ाने के लिए (कॉर्निया / लेंस) क्रायोप्रिजरबेशन, क्रायोसर्जरी
- अंगो का प्रत्यारोपण आदि
टिशु कल्चर प्रोटोकॉल
आनुवांशिक रूप से एक समान उच्च गुणवत्तायुक्त पौधों को अत्याधिक मात्रा में तैयार करने के लिए टिशु कल्चर एक विश्वसनीय तकनीक है। सतत शोध एवं विकास के द्वारा व्यावसायिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण फसलों एवं दुर्लभ औषधीय पौधों के सूक्ष्मप्रर्वर्धित प्रोटोकॉल को विकसित किया गया है। उद्योगों के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी ज्ञान और मूल संवर्ध (मदर कल्चर) उपलब्ध हैं। व्यावसायिक टिशु कल्चर युनिट को स्थापित करने के लिए संपूर्ण परामर्श सेवाएं प्रदान की जाती हैं। निम्नलिखित पोटोकॉल/विधियां हस्तांतरण के लिए उपलब्ध हैं:
- बांस
- पिक्रोराइजा कुरुआ
- रोजा डेमेसिना
- चाय
- विषाणुमुक्त सेब के रूट स्टॉक
- लिलियम
- स्टीविया
आरएन आइसोलेशन सोल्यूशल iRIS
एक नवीन विधि/ उपाय को विकसित किया गया है जो पर्याप्त मात्रा में शुद्ध आरएनए के निष्कर्षणर को सक्षम बनाता है। यह तकनीक हस्तांतरण के लिए उपलब्ध है।
विषाणु नैदनिक किट
संस्थान ने पौधों में विषाणु संक्रमण का पता लगाने के लिए न्यूक्लिक एसिड और एलिसा आधारित किट को विकसित किया है। Bean yellow mosaic virus, Prunus necrotic ringspot virus, Chrysanthemum virus B, Carnation etched ring virus, Carnation mottle virus, Tomato aspermy virus and Cymbidium mosaic virus के लिए किट तैयार की है। ACLSV, ArMV, AlMV, BYMV, CMV, CarMV, CERV, PNRSV, TAV, TBV आदि के लिए cDNA आधारित जांच की सुविधा है।
चल सगंध तेल आसवन इकाई
औषधीय एवं सगंध पौधों की उसी क्षेत्र में जाकर आसवन करने के लिए ट्रक पर एक चल सगंध तेल आसवन इकाई को डिजाइन किया गया है।
हर्बोस्टिल लघु आसवन इकाई HERBOSTILL™
जल, भाप और जल एवं भाप के अन्तर्गत 4-5 किलों और 8-10 किलो बैच पादप सामग्री के आसवन की क्षमता वाली पोर्टेबल, कम लागतयुक्त एवं पर्यावरण के अनुकूल लघु आवसन इकाई तैयार की है। यह इकाई छोटे व मध्यम किसानों, घरेलू कुटीर उद्योगों, अरोमाथेरेपिस्ट, अनुसंधान संस्थानों, आयुर्वेदिक इकाइयों आदि के लिए उपयुक्त है।
लघु लेमिनार फ्लो STERIFLOW™
टिशु कल्चर के कार्य में प्रयुक्त होने वाले लेमिनार फ्लो प्राय: भारी भरकम और मंहगे होने के कारण कुटीर उद्योग के रूप में इसे स्थापित करने में एक बाधा है। संस्थान ने एक लघु लेमिनार फ्लो का डिजाइन तैयार किया है जो कि छोटे आकार का है, कम स्थान घेरता है तथा इसे desktop sterile air applications के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। यह इकाई माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक कार्य, प्रक्षेत्र गतिविधियों, प्रदर्शन और शिक्षण उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है।
जेल प्रसंस्करण और हस्तांतरण डिवाइस (GEPROTED ™)
यह डिवाइस जैल के हस्तांरण और एक जगह से दूसरे स्थान पर ले जाने के समय इसे सुरक्षित बनाए रखता है। इसका उपयोग जैवप्रौद्योगिकी, आणविक जीवविज्ञान प्रयोगशालाओं, खाद्य एवं फार्मा उद्योगों में किया जा सकता है।
कल्चर वेसल
सूक्ष्म प्ररोहों के दृड़ीकरण के लिए जड़ो का आना सूक्ष्म प्रवर्धन विधि की पहली आवश्यकता है जो कि एक समस्या है। इस विधि से तरल मीडियम का प्रयोग करते हुए गुलाब और चाय जैसे पौधों में भी जड़े आसानी से निकल जाती हैं।
Uses:- सूक्ष्म प्ररोहों को व्यापक स्तर पर उपयोग
- तरल मीडियम का कम मात्रा में उपयोग से कम खर्च
- काम में सुगमता
- जड़ों की क्षति को कम करना
टी विदरिंग मशीन
संस्थान ने अपने शोध के द्वारा हरी चाय की पत्तियों की रसायनिक और भौतिक विदरिंग को 16 से 6 घटें में त्वरित करने की मशीन को विकसित किया है। इसी अवधारणा के आधार पर मेस्को इक्विपमेंट प्रा. लि., कोलकाता द्वारा इस मशीन का डिजाइन एवं निमार्ण किया।( आईएचबीटी एवं मेस्को द्वारा संयुक्त रूप से पेटेंट) व्यापक स्तर पर प्रक्षेत्र में सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद यह मशीन चाय उद्योग में व्यवसायिक प्रयोग के लिए तैयार है।
वर्तमान विद्यमान सिस्टम पर इस मशीन का लाभ:
- इंधन और ऊर्जाकी बचत
- क्षतिग्रस्त पत्तियों को लाल/ जलने से /होने से बचाती है जिससे गुणवत्ता बढ़ती है।
- शीत अवधि के दौरान भी निर्माण में सक्षम बेहतर गुणवत्ता और नियंत्रण प्रदान करती है।