रसायन विज्ञान

प्राकृतिक पादप उत्‍पाद प्रभाग पादप संसाधनों से सक्रिय घटकों के रासायनिक लक्षण चित्रण, सगंध तेल, जैविक रूप से सक्रिय यौगिकों, मूल्‍य वर्धित यौगिकों के लिए आणविक आशोधन, प्राकृतिक रंग एवं रंजक आदि पर शोध कर रहा है।  प्रयोगशाला में  300Mz व 600 Mz  एनएमआर, प्रारम्भिक एवं विश्‍लेषणात्‍मक एचपीएलसी, जीसी, जीसी एमएस, माइक्रोवेव सिंथेसाइज़र, सुपर क्रिटिकल एक्‍सट्रेक्‍शन यूनिट, स्‍प्रे ड्रायर, औद्योगिक पैमाने पर रोटावेपर , हर्बल प्रसंस्‍करण के लिए 10 क्विंटल, 4  क्विंटल और 15 किलोग्राम क्षमता वाली आसवन सुविधाएं हैं।

संस्‍थान रासायनिक संश्‍लेषण पर काम कर रहा है और नेचुरल ब्हिस्‍की लैक्‍टोन के अनुरूप डिहाइड्रोटेजे‍टोन एल्‍कोहल, ट्रांस-किमेमेलडिहाइड(trans-cimmamaldehyde) जैसे पादप स्रोतों से अनेकों मूल्‍यवर्धित यौगिकों को विकसित किया है। विषैले बीटा एसरॉन से औषध सक्रिय अल्‍फा एसरॉन  में रूपान्‍तरण, नियोलिग्‍निन, फेलाइलप्रोपिन्‍स से फेनाइलडिहाइडस बनाने आदि जैसे अनेकों प्रक्रम को विकसित  किया है। स्‍थानीय उपलब्‍ध पादप संसाधनों से क्रिस्‍टलीय रूप में प्राक़ृतिक रंग तैयार करने के लिए एक हरित प्रक्रम विकसित किया गया है। प्रारंभिक विषाक्‍ता परीक्षण से पता चला है कि यह रंग सौंदर्य प्रसाधन एवं खाद्य पदार्थों में उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं।

संस्थान ने स्‍टीविया का एक मजबूत पौधशाला आधार विकसित किया है। भारत के कई राज्यों के किसानों को वड़े पैमाने पर रोपण सामग्री प्रदान की है। स्‍टीवियोसाइड के प्रसंस्करण के लिए हरित प्रौद्योगिकी विकसित की गई है। इस तकनीक का ब्‍यापक पैमाने पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।

संस्‍थान ने सुगंधित गुलाब की खेती और प्रक्रमण पर गहन कार्य किया है और व्‍यापक स्‍तर पर कृषि और  प्रकम प्रौद्योगिकी पैकेज को विकसित किया है। ज्‍वाला( मैदानी क्षेत्रों के लिए) तथा हिमरोज़ (पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्‍त) नाम की दो किस्‍मों को विकसित करके इसे विमोचित किया गया है। इसी प्रकार टेजेटिस  (जंगली गेंदा), लेवेन्‍डर और जिरेनियम की प्रक्रम प्रौद्योगिकी को भी विकसित किया गया है। इस समय पिक्रोराइज़ा, ड्रेकोसिफेलम हेटरोफिलम, वैलेरियाना जटामांसी, आर्टिमिसिया एनुआ, जिन्‍को बाइलोबा,  अर्नेविया युकोरमा, एस्पेरेगस रेसिमोसस, डायोस्‍केरिया डेल्‍टायडिया, पोडोफाइलम हेक्‍सैन्‍ड्रम, करक्‍युमा एरोमैटिका, एस्‍कुलस इंडिका, पोटेंटिला फल्‍जेंस, हरक्‍लियम थोमसोनी, केपिलपेंडियम पेरीफ्लोरिम, सीड्रस देवदारा, साल्विया स्‍क्‍लेरिया,  एसोल्‍टजिया फ्रूटीकोसा, ग्लिासिराइजा ग्‍लैब्रा जैसे उच्‍च मूल्‍यवान औषधीय एवं सगंध पौधों के गृहीकरण और रासायनिक विश्‍लेषण के काम पर केन्द्रित है।हर्बल और सगंध फसलों की उच्‍च गुणवत्ता संगध तेल प्राप्‍त करने के लिए एक सरल लघु  आसवन उपकरण को डिज़ाइन किया गया है। इसके निर्माण और बिक्री के लिए इसे एक उद्यम को हस्‍तांतरित किया गया है। इसी प्रकार एक चल आसवन इकाई को भी तैयार किया गया है जिसे सगंध एवं हर्बल के प्रक्रमण के लिए फसल वाले स्‍थल पर ले जाया जा सकता है।

‘विनियामक अनुसंधान केन्‍द्र’ पशु प्रजनन और प्रयोग के लिए सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें  चूहे, गिनी सुअर और खरगोश जैसे छोटे जानवरों के प्रजनन और रखरखाव के लिए एनिमल हाउस भी शामिल हैं। इस सुविधा को पशु प्रयोग केंद्रीय नियामक एजेंसी, सीपीसीएसईए, नई दिल्ली के साथ पंजीकृत किया गया है। इस इकाई में BSL2 कोशिका संवर्ध  सुविधा के लिए सुसज्जित प्रयोगशाला है। नवीन भोजन घटकों, सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों और प्राकृतिक मूल की दवाइयों की विषाक्तता सुरक्षा मूल्यांकन करने पर ध्‍यान केन्द्रित  है। मधुमेहरोधी, नेफ्रोलॉजीऔर यकृतरक्षण संबन्‍धी गतिविधियों के लिए अग्रणी  अणुओं की पहचान करने के लिएइन विट्रो और इन विवो स्क्रीनिंग की गई। इसके अलावा, बारह विभिन्न ऊतक द्योतक मानव कैंसर कोशिका लाइनों के साथ इन विट्रो प्रयोगशाला पूरी तरह से आधारभूत कोशिका संवर्धन सुविधाओं से सुसज्जित है। इन कोशिकाओं को साइटोटोक्सिक क्षमता के आधार पर उनकी विशिष्ट कैंसररोधी गतिविधियों के लिए विभिन्‍न अणुओं स्क्रीन करने के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है।